The Code of the Extraordinary Mind Hindi And English Book Summary - Vishen Lakhiani
The Code of the Extraordinary Mind Hindi And English Book Summary - Vishen Lakhiani
एक्स्ट्राऑर्डिनरी बनने के लिए,आपकी सोच भी एक्स्ट्राऑर्डिनरी होनी चाहिए. ये बुक आपको सिखाएगी कि कैसे पुराने रूल्स को चैलेंज करके हम नए रूल्स बना सकते हैं। आपमें कमाल की क्वालिटीज़ हैं। अगर आप इस बुक में दिए गए स्टेप्स को फॉलो करते हैं, तो आप खुद को एक्स्ट्राऑर्डिनरी बनते हुए देखेंगे। क्या आप उन रूल्स से थक गए हैं जिनके साथ आप बड़े हुए हैं ? तो इस बुक को पढ़ने का समय आ गया है।
यह बुक किसे पढनी चाहिए ?
जो लोग खुद पर डाउट करते हैं, जो पाबंदी में रहे हैं, जिन्हें सोसाइटी नीची नज़रो से देखती है।
The Code of the Extraordinary Mind
परिचय (Introducation) -:
“मुझे लगता है कि आर्डिनरी लोग चाहे तो एक्स्ट्राआर्डिनरी बन सकते है” ये बात बिलेनियर एलन मस्क ने कही थी. तो ऐसी क्या चीज़ है जो उनको और बाकि दुसरे बिलेनियर को भीड़ से अलग करती है ? क्या ये पैसा है ? या फेम? या उनका लक? एलोन मस्क कोई मल्टी मिलेनियर पैदा नहीं हुए थे। सेम चीज़ स्टीव जॉब्स और जॉन डी. रॉकफेलर के साथ भी है। एक ऐसा मेथड है, एक कोड जो कोई भी फॉलो कर सकता है और उनकी ही तरह एक्स्ट्रा आर्डिनरी बन सकता है। यही बात आप इस बुक से सीखने वाले है। हर चीज़ पहले आपके दिमाग से शुरू होती है तो सबसे पहले तो आपको अपनी सोच बदलने की ज़रुरत है।
The Code of the Extraordinary Mind
थिंक डिफरेंटली (Think Differently) -:
अगर आप दुसरे लोगो की ही तरह सोचंगे और एक्ट करेंगे तो कभी भी एक्स्ट्राआर्डिनरी नहीं बन सकते। आपको इतना स्ट्रोंग बनना पड़ेगा कि हर तरह के प्रोब्लम को आसानी से फेस कर सके और अपनी जिंदगी की सच्ची ख़ुशी आपको हासिल हो। हम सब की लाइफ रूल्स से चलती है।
बचपन से ही हमें सिखाया जाता है कि हमें क्या करना है और क्या नहीं। आपको स्कूल की पढाई करनी चाहिए। आपको कॉलेज जाना चाहिए। कोई जॉब करनी चाहिए। शादी करनी चाहिए। वगैरह वगैरह. यहाँ तक हमें कैसा दिखना चाहिए। क्या फील करना चाहिए ये सब भी सोसाइटी के हिसाब से ही तय होता है। क्या रीजन है इसके पीछे? ह्यूमेनिटी ने हमारे लिए ये रूल्स बनाये है। हम इन रूल्स, आईडियाज, बिलिफ और प्रेक्टिस के समन्दर में तैरने वाली फिश की तरह है।
सोसाइटी हमेशा यही चाहती है कि हम ये रूल्स फॉलो करे। मगर पॉइंट ये है कि अब ये रूल्स बहुत ज्यादा आउटडेटेड हो चुके है. ये हमें आगे बढ़ने से रोक रहे है, हमें अपाहिज बना रहे है। लेकिन अगर आपको एक्स्ट्राआर्डिनरी बनना है तो आपको ये रूल्स तोड़ने ही पड़ेंगे।
The Code of the Extraordinary Mind
क्या रूल्स सही है
आज जो रूल्स हम फॉलो कर रहे है, हमसे पहले वाले लोगो ने बनाए थे। अगर देखा जाए तो ये रूल्स कुछ नहीं है बस लोगो की ओपिनियन है। और हम सिर्फ इसलिए इन्हें फॉलो करते है क्योंकि ये हमारे पैदा होने से भी पहले से चले आ रहे है। जब हम कोई डिसीजन लेते है तो हमें लगता है कि हमारा फैसला सिर्फ हमारे माइंड से निकला है मगर हम माने या न माने हमारी हर सोच हमारे दोस्तों, परिवार, और कल्चर से कहीं ना कहीं जुड़ी रहती है. वैसे अपना ट्रेडीशन फॉलो करने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन आप ही देखिये कि हर दिन दुनिया कितनी तेज़ी से इवोल्व हो रही है। तो सोच भी बदलनी होगी।
अगर आप भी उन्ही चीजों में बिलीव करेंगे जिनमे सब करते है तो आप रेशनल नहीं है अगर आप बिना सोचे समझे चीजों को यूँ ही एक्सेप्ट करते रहेंगे तो आप कभी भी एक्स्ट्राआर्डिनरी नहीं बन सकते। इसलिए रूल्स पर सवाल उठाये क्योंकि आपके पास सोचने के लिए एक दिमाग है। रूल्स चाहे सही हो या गलत आप अपने डिसीज़न खुद ले।
The Code of the Extraordinary Mind
अपनी रियलिटी के मॉडल्स खुद से दुबारा लिखे -:
बचपन में आपको तंग किया गया है ? जब आप छोटे होते है तो अक्सर खुद को बचा नहीं पाते है. आपकी खुद की चॉइस नहीं होती है बल्कि जो आपकी फॅमिली और फ्रेंड्स करते है आप उसी पर बिलीव करते है..वो थोट, वो बिलिफ्स, वो आईडियाज़ जो आपको अपने एन्वायरमेंट से मिलते है वही आपकी रियेलिटी बन जाते है। जो आपके पेरेंट्स ने बताया वही आपका सच बन जाता है। आप भी उन्ही चीजो को मानने लगते है जो आपके आस-पास वाले मानते है। आप शायद ये बात जानते नहीं होंगे मगर जैसे जैसे आप ओल्ड होते है, यही बिलिफ्स हमेशा आपके साथ रहते है।
आपको मन लगाकर पढ़ाई करके स्कूल के बाद एक शानदार करियर बनाने की इंस्पिरेशन मिलती हो। मगर ये सच नहीं है। आपको किसी को कुछ भी प्रूव करने की ज़रुरत नहीं है, आप जो है, जैसे है बहुत अच्छे है। एक्स्ट्राआर्डिनरी बनने के लिए जो चाहिए। आपके पास मौजूद है। आपको तो बस अपना मॉडल ऑफ़ रियेलिटी बदलने की ज़रुरत है। लेखक विशेंन लाखियानी मलेशिया में पले बढे है. जब वो बच्चे थे तो उनको भी बुल्ली किया गया था क्योंकि वो माइनॉरिटी से आते थे। वो अपने क्लासमेट से अलग दीखते थे।बाकी बच्चे चाइनीज़ ओरिजिन थे जबकि विशेंन नार्थ इंडिया से थे।
लोग जो आपकी कमियां बताते है, झूठ बोलते है। आपमें एबिलिटीज़ है, टेलेंट है और नॉलेज भी है।
The Code of the Extraordinary Mind
जीने के लिए अपना सिस्टम अपग्रेड करे -:
एक बार जब अपनी थिंकिंग चेंज कर लेंगे तो आपके जीने का तरीका भी बदल जायेगा सोचिये ज़रा, आप बचपन से इसी सोच के साथ जी रहे है तो इतनी आसानी से पुराने आईडिया से छुटकारा नहीं मिलेगा। आपके पास ऐसा स्ट्रोंग सिस्टम होना चाहिए जिससे आप पुरानी आदतों की तरफ वापस ना जाये। ऐसे तीन स्टेप्स है जिन्हें फॉलो करके आप अपना लिविंग सिस्टम अपग्रेड कर सकते है।
इसका पहला स्टेप है रीसर्च। आपको लाइफ में अप्लाई करने के लिए नए आईडियाज ढूँढने होंगे, इसके लिए आप बुक्स पढ़ सकते है, ऐसे वीडियो देख सकते है जो इसमें आपकी हेल्प कर सके। जितनी दुनिया अब तक आपने जानी है उससे कहीं ज्यादा बढ़ी दुनिया आपका इंतज़ार कर रही है।
सेकंड स्टेप है रिफ्रेश। हर सिंगल डे को इम्प्रूव करने की कोशिश करे।
थर्ड स्टेप है अपनी प्रोग्रेस मेजर करे। आपका नया सिस्टम कितना स्ट्रोंग है ? क्या आपके नए बिलिफ्स वाकई पुराने वाले से बैटर है? खुद को टेस्ट करना ज़रूरी है। जिससे आप पुराने बिलिफ्स की तरफ वापस ना जा पाए।
The Code of the Extraordinary Mind
रियेलिटी को बेंड कर दे -:
रियेलिटी बेंड करना ऐसे है जैसे आपका ये बिलीव होने लगे कि लक हमेशा आपके साथ है, ये यूनिवर्स आपके लिए रास्ते बना रहा है जिसका मतलब कि आप सब कुछ कर सकते है, अब कुछ भी इम्पोसिबल नहीं है आपके लिए। लेकिन आप ये अचीव कैसे करेंगे? सबसे पहले तो एक विजन रखे। हर दिन आपको उस गोल की तरफ बढना है। दूसरा है, हमेशा खुश रहने की आदत।
रियेलिटी बेंड करने से मतलब है कि प्रेजेंट में जिए। इसका मतलब है कि अपने विजन पर रहते हुए हर दिन को पूरा एन्जॉय करे। इस तरह आपको अपना काम कभी बोझ नहीं लगेगा। अपनी लाइफ से खुश रहे। आपको जो भी लाइफ में मिला है उसके लिए ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करे। अपनी खुशियों को किसी गोल से बाँध के न रखे।
अगर अपने फ्यूचर की सक्सेस से आप अपने आज की खुशियों को जोड़ेंगे तो फिर आपका कुछ नहीं हो सकता।आपमें हार मान लेने की टेंडेसी आ जाएगी। लेकिन आप ऐसा होने से रोक सकते है अगर आपको ये मालूम हो कि कैसे रियेलिटी बेंड करनी है। तो क्या हुआ अगर आपका स्टार्ट अप फेल हो गया। इसे दुबारा खड़ा करने की कोशिश करे, यही राइट अप्रोच है। एक्स्ट्राआर्डिनरी माइंडस जानते है कि हेप्पीनेस अन्दर से आती है। “आज में खुश रहो” अगर आप अपने काम से खुश है, जो आपको मिला है उससे खुश है तो हमेशा आपको मोटिवेशन मिलती रहेगी। फिर चाहे आपको देर तक काम करना पड़े, आप शिकायत नहीं करेंगे ना ही आप थकेंगे। जैसा कि बिलेनियर जॉन डी रॉकफेलर लिखते है” मुझे पहले ही सिखा दिया गया था काम के साथ साथ खेलना भी ज़रूरी है“मेरी पूरी जिंदगी एक लम्बी हैप्पी होलीडे रही है। फुल ऑफ़ वर्क एंड फुल ऑफ़ प्ले, मैंने फ़िक्र को बीच रास्ते में ही छोड़ दिया था।
The Code of the Extraordinary Mind
ब्लिसप्लिन के साथ जिए (Live with Blissipline) -:
ब्लिस्प्लिन का मतलब है” डिस्प्लीन ऑफ़ डेली बेसिस”. हालाँकि फ्यूचर के बारे में ना सोचना बहुत कठिन होता है। फिर भी अपने प्रेजेंट में खुश रहने के लिए आपको लाइफ में ब्लिस्पिन अप्लाई करना ही होगा। तीन प्रिंसिपल है जो आप फॉलो कर सकते है। पहला है कि थैंकफुल रहे। हर रोज़ ऐसी पांच बाते सोचिये जिसके लिए आप थैंकफुल फील करते है। ये कुछ मिनट का काम है आप अपने व्यस्त शेड्यूल में भी ये कर सकते है। दूसरा प्रिंसिपल है माफ़ करना। सोचिये कि आप एक मेडिटेशन की क्लास में है, कोंस्न्ट्रेट करे, सिर्फ साइलेंस है और कुछ नहीं। उन सब लोगो को याद करे जिनकी वजह से आप कभी हर्ट हुए हो। अपने माइंड में उनकी एक लिस्ट बनाये।
अब इमेजिन करे कि आप उन सबसे बारी-बारी बात कर रहे है। उस पेन को याद करे जो उन्होंने आपको दिया। अब इसके बाद खुद से पूछिए” मैंने उस आदमी के साथ अपने एक्सपिरियेंश से क्या सीखा ? मेरे इस एक्स्पिरियेंश से मेरी लाइफ में क्या चेंज आया? और अब थर्ड प्रिंसिपल है टू गिव. “ खुशिया बांटने से बढती है” जब आप अपनी हैप्पीनेस को कंट्रोल कर लें तो इसे दुसरो के साथ भी बांटे। दुसरो को भी खुशियाँ दे। सच्ची ख़ुशी ही आपको हर रोज़ काम करने की ताकत देगी।
The Code of the Extraordinary Mind
कन्क्ल्यूजन (conclusion) -:
तो इस समरी मे हमें रूल्स ब्रेक करने सीखे जो हमे रोकते है, हमारी एबिलिटी लिमिट करते है। आपने नए बिलिफ्स क्रियेट करना भी सीखा जिससे आपकी लाइफ इम्प्रूव होगी। आपने ये भी सीखा कि कैसे ख़ुशी से अपना काम करे। अब आपको ये हैप्पीनेस दुसरो के साथ शेयर करनी है। एक्स्ट्राआर्डिनरी लोग खुद को बाकियों से दूर नहीं करते बदले में वे उनको भी एक्स्ट्राआर्डिनरी बनने में हेल्प करते है। दुसरे लोगो की लाइफ इम्प्रूव करना उनका विजन बन जाता है।
वे लोगो को खुश रखना चाहते है जैसे वे खुद अपनी लाइफ में खुश है। “वर्ल्ड में सबसे ज्यादा एक्स्ट्राआर्डिनरी लोगो का कोई करियर नहीं होता” उनके पास तो सिर्फ एक चीज़ होती है,कालिंग। जो भी करे दिल से खुश होकर करे और साथ ही दुसरो को भी ख़ुशी दे और फिर देखे आप कैसे एक्स्ट्राआर्डिनरी बनते है।
इस किताब के बारे में पढ़ कर आप कुछ नियमों को तो जान गए होंगे, इन नियमों को गहराई तक जानने के लिए आप निचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस किताब का हिंदी अनुवाद पा सकते हैं |
हिंदी में बुक की पीडीएफ डाउनलोड करें ।
इस Review व बुक को पढनें के बाद अपनी राय Comment के द्वारा बताएं। रिव्यु को शेयर करें जिससें अन्य लोग भी इसका फायदा उठा सकें। आपकी पसंदीदा बुक्सकौन-कौन सी है? Comment के द्वारा बताएं। उम्मीद है आपको ये पसंद आया होगा।
ऐसे ही और सारांश के लिए आप हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब कर सकते हैं
धन्यवाद।
The Code of the Extraordinary Mind Hindi and English Book Summary - Vishen Lakhiani
To become an Extraordinary, you must also be Extraordinary. This book will teach you how we can create new rules by challenging the old rules. You have amazing quality. If you follow the steps given in this book, you will see yourself becoming extraordinary. Are you tired of the rules you grew up with? So the time has come to read this book.
Who should read this book ?
Those who dout on themselves, who have been under ban, whom the society looks down upon.
The Code of the Extraordinary Mind
Introduction -:
"I think ordinaries can become extraordinaries if they want to," said Billionaire Elon Musk. So what is it that distinguishes him and the rest of the other bilinear from the crowd? Is it money Or fame? Or their luck? Elon Musk No Multi Millionaires were born. The same thing also accompanies Steve Jobs and John D. Rockefeller. There is a method, a code that anyone can follow and can become extra ordinary like them. You are going to learn the same thing from this book. Everything starts with your mind first, then first you need to change your mindset.
The Code of the Extraordinary Mind
Think Differently -:
If you think and act like other people, then you can never become extraordinary. You have to be so strong that you can easily face every kind of problem and you get the real happiness of your life. We all live our lives through rules.
Right from childhood we are taught what to do and what not to do. You should study school. You should go to college Should do a job Should get married Et cetera et cetera. This is how we should look. What should be felt, it is also decided according to the society. What is the reason behind this? Humanity has made these rules for us. We are like a fish swimming in the sea of these rules, ideas, billions and practices.
Society always wants us to follow these rules. But the point is that now these rules have become very outdated. They are preventing us from moving forward, making us handicapped. But if you want to become extraordinary then you have to break these rules.
The Code of the Extraordinary Mind
Are the rules correct -:
The rules that we are following today, were created by people before us. If seen, these rules are nothing but just the opinion of the people. And we only follow them because they have been going on even before we were born. When we take a decision, we feel that our decision has just come out of our mind, but whether we believe it or not, every thought of ours is connected to our friends, family and culture somewhere. Well, there is nothing wrong in following your trade. But you see how fast the world is evolving every day. So the thinking also has to change.
If you also believe in the same things in which you do everything, then you are not rational. If you keep accepting things in a random way, you can never become extraordinary. So question the rules because you have a mind to think. Whether you are right or wrong, take your decision yourself.
The Code of the Extraordinary Mind
Re-write your reality models yourself -:
Have you been bullied as a child? When you are small, you often cannot save yourself. You do not have your own choice, but rather your family and friends, you believe in that .. Those thoughts, those billiffs, the ideas that you get from your environment become your realities. What your parents told becomes your truth. You also start to believe the same things which are believed around you. You might not know this thing, but as you get older, these same gifts always stay with you.
You get the inspiration to make a brilliant career after school by studying diligently. But this is not true. You don't have to prove anything to anyone, whoever you are is just as good. What is needed to become an Extraordinary. You have All you need to do is change your model of reality. Author Wichen Lakhiani grew up in Malaysia. When he was a child, he was also bullied because he used to come from minorities. He looked different from his classmate. The rest were Chinese origin while Vishen was from North India.
People who tell your shortcomings lie. You have abilities, talent and knowledge.
The Code of the Extraordinary Mind
Upgrade your system to live -:
Once you change your thinking, your way of life will also change. Think, if you are living with this thinking since childhood, then you will not get rid of the old idea so easily. You should have a strong system so that you do not go back to old habits. There are three steps that you can follow to upgrade your living system.
Its first step is research. You have to find new ideas to apply in life, for this you can read books, watch videos that can help you in it. The world is waiting for you more than you have ever known.
Second step is refresh. Try to improve every single day.
The third step is to major your progress. How Strong is Your New System? Are your new billiffs really better than the old ones? It is important to test yourself. So that you will not be able to go back to the old billiffs.
The Code of the Extraordinary Mind
Bend realty -:
Reality banding is as if you believe that luck is always with you, this universe is making way for you which means that you can do everything, nothing is impossible for you now. But how will you achieve this? First of all, keep a vision. Every day you have to move towards that goal. Second is the habit of always being happy.
By having a reality bend, it means to live in the present. It means to enjoy every day while staying on your vision. In this way you will never feel burdened by your work. Be happy with your life. Thank the one above for everything you've got in life. Do not keep your happiness tied to any goal.
If you add your today's happiness with the success of your future, then nothing can happen to you. You will have a tendency to give up. But you can prevent this from happening if you know how to bind the reality. So what if your start up failed. Try to make it stand again, this is the right approach. Extraordinary minds know that happiness comes from inside. "Be happy today" If you are happy with your work, happy with what you have got, then you will always get motivation. Then even if you have to work long hours, you will not complain nor will you be tired. As Billionaire John D. Rockefeller writes "I was taught beforehand that playing with work is also important" My whole life has been a long Happy Holiday. Full of work and full of play, I left the worry midway.
The Code of the Extraordinary Mind
Live with Bisplin (Live with Blissipline) -:
Blisplin stands for "Displays of Daily Basis". However, it is very difficult not to think about the future. However, to be happy in your present, you have to apply Blispin in life. There are three principals that you can follow. The first is to remain thankful. Think of five things every day for which you feel full. This is a few minutes of work, you can also do this in your busy schedule. The second principal is to forgive. Think you are in a meditation class, concentrate, just silence and nothing else. Remember all those people because of which you have been hurt. Make a list of them in your mind.
Now imagine that you are talking to them in turn. Remember the pen they gave you. Now after this, ask yourself "What did I learn from my experience with that man?" What changed in my life with my experience? And now the third principal is two give. "Happiness increases by sharing" When you control your happiness, share it with others. Give happiness to others as well. True happiness will give you the strength to work every day.
The Code of the Extraordinary Mind
Conclusion -:
So in this summer we should learn to break rules which stop us, limit our ability. You have also learned to create new billiffs which will improve your life. You also learned how to do your work happily. Now you have to share this happiness with others. Extraordinary people do not distance themselves from the rest, in return they also help them to become extraordinary. Improving the life of others becomes their vision.
They want to keep people happy like they themselves are happy in their life. "Most extraterrestrial people have no career in the world" They only have one thing, calling. Whatever you do, be happy with your heart and also give happiness to others and then see how you become extraordinary.
By reading about this book, you must have known some rules, to know these rules in depth, you can find the Hindi translation of this book by clicking on the link given below.
Download PDF of Book in English
After reading this review and book, tell your opinion through comment. Share the review so that other people can also take advantage of it. What is your favorite bookscon? Comment by comment. Hope you like it.
For more such summary, you can subscribe to our blog
Thank you.
Comments
Post a Comment