The Subtle Art of Not Giving a F*ck motivation book pdf in hindi Mark Manson -:
अगर आप टेंशन और थकान महसूस करते हैं, तो ये बुक आपके लिए है
motivation book pdf in hindi
The Subtle Art of Not Giving a F*ck hindi and english book summary - Mark Manson -:
( motivational books for students )
अगर आप टेंशन और थकान महसूस करते हैं, तो ये बुक आपके लिए है. नॉट गिविंग अ एफ * सीके का मतलब फर्क नहीं पड़ना, नहीं है . ये ऐसे इंसान के बारे में है जिसकी आप सच में परवाह करते हैं, चाहे कुछ भी हो जाए आप उसके लिए लड़ने को भी तैयार रहते हैं . हर चीज़ के बारे में परवाह मत करो. अपना समय और एनर्जी सिर्फ उन लोगों के लिए यूज़ करो जो सच में आपके लिए इम्पोर्टेन्ट हैं.
यह बुक किसे पढनी चाहिए ।
पेरेंट्स, एम्प्लॉईज़, यंग प्रोफेशनल्स, जिन लोगों को स्ट्रेस और घबराहट होती है, वो लोग जिन्हें खुल कर
हँसने की ज़रुरत है
अध्याय 1: कोशिश मत कीजिये
चार्ल्स बुकोव्स्की एक शराबी था. एक बहुत बड़ा जुआरी और जिंदगी से हारा हुआ ऐसा इंसान जिसकी सलाह शायद ही कभी कोई लेना चाहेगा. इसलिए तो हम अपनी शुरुवात ऐसे इंसान की कहानी से कर रहे है. बुकोव्स्की शुरू से ही एक लेखक बनना चाहता था मगर उसके काम को सभी न्यूज़पेपर और मेगजीन ने घटिया दर्जे का बताकर उसका मखौल उड़ाया. इस बात से दुखी होकर बुकोव्स्की गहरे डिप्रेशन में चला गया और उसने शराब का सहारा लेना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे वो एक बहुत बड़ा शराबी बन बैठा. अपनी जिंदगी के करीब 30 साल शराब आर जुए में बर्बाद करने के बाद बुकोव्स्की को एक दिन एक मौका मिला.
एक छोटे पब्लिशिंग हाउस ने उसके काम में दिलचस्पी ली. बुकोव्स्की को बड़ी मुश्किल से एक मौका हाथ लगा था जिसे वो गंवाना नहीं चाहता था. उसने झट से वो कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिया. और तब उसने अपनी पहली किताब लिखी. फिर इसके बाद उसने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. एक के बाद एक उसने 6 किताबे और लिखी. इसके साथ ही उसने कई सारी कविताएं भी लिखी और उसकी किताबो की 2 मिलियन से ज्यादा कोपियाँ बिकी. ये उसके लिए एक बहुत बड़ी कामयाबी थी. अमेरिकन ड्रीम मे कहा जाता है की हमेशा कोशिश करते रहो कभी हार मत मानो लेकिन बुकोव्स्की की कब्र के पत्थर पर लिखा था “कोशिश मत कीजिये
बुकोव्स्की के काम की ख़ास बात ये नहीं थी कि हारने के बावजूद उसने कोशिश ज़ारी रखी बल्कि ये है कि उसने खुद को बुरे से बुरे हाल में स्वीकार किया. उसे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा जब कामयाबी उसके हाथ लगी ना ही वो पहले से अच्छा और सुधरा हुआ इंसान बन गया और ना ही उसके सक्सेसफुल बनने में उसकी अच्छाई का कोई हाथ था।
और जो चीज़े आपको परेशान कर रही है उनसे कहिये” भाड़ में जाओ” (don’t give a fuck about it).
आपके साथ सब अच्छा ही अच्छा हो यही सोचना सबसे बड़ी बुरी बात है. और अगर फिलोसफ़र एलन वाट्स की माने तो अपने साथ हुए नेगेटिव अनुभवों को स्वीकार करना ही असल में खुद एक बड़ा पोजिटिव अनुभव है. ये बात सुनने में अजीब लगती है मगर यही सच है. जितना ज्यादा आप खुशियों के पीछे भागेंगे, उतने ही ज्यादा दुखी रहेंगे. दुसरे शब्दों में कहे तो ऐसी कोशिश भी ना करे. क्या आपने कभी गौर किया है कि जब आप किसी बात के लिए केयरलेस होते है तो वही चीज़ आपको आसानी से मिल जाती है बजाये कि जब आप उसके पीछे भागते है।
अध्याय 2: खुशियों के पीछे मत भागिए
जीवन अपने आप में एक तकलीफ है. अमीर आदमी अपने पैसे की वजह से तकलीफ सहता है और गरीब आदमी इसलिए परेशान रहता है क्योंकि उसके पास पैसे की कमी है. असल बात तो ये है कि ख़ुशी का कोई पैमाना नहीं होता।
कुछ हासिल करने का ये मतलब नहीं कि अब आप हमेशा के लिए खुश रहेंगे. हम तकलीफ इसीलिए सहते है क्योकि इससे हमें इंस्पायर्ड होते है, इससे हमारे अन्दर कुछ बदलाव आते है. और जीवन में बदलाव बहुत ज़रूरी है. हमारे जीवन की तकलीफे हमें लड़ने की ताकत देती है ,दर्द ही हमें सिखाता है कि हम चीजों पर ध्यान दे जब हम लापरवाह होते है. इसलिए तो खुशियाँ और सुख सुविधाए हमेशा ही बेस्ट ऑप्शन नहीं होती कभी-कभी दर्द भी ज़रूरी है. यहाँ तक कि साइकोलोजिकल पेन भी बड़े काम की चीज़ है जो हमें भविष्य के बेहतर फैसले लेना सिखाती है. खुशियाँ कभी भी बिना मुसीबतों से लडे नहीं पाई जा सकती है. दुसरे शब्दों में कहे तो परेशानियों का दूसरा नाम ही खुशियाँ है. क्योंकि जब आप अपनी समस्या सुलझा लेते है तो ख़ुशी खुद-ब-खुद आपके चेहरे पर झलकने लगती है. तो इस तरह अपनी तकलीफों को अवॉयड ना करना ही आपकी खुशियों की चाबी है. यहाँ पर ख़ुशी का की-वर्ड असल में प्रोब्लोम्स को सोल्व करना है।
अध्याय 3: आप औरो से अलग नहीं है
ऐसे कई और लोग होंगे दुनिया में जो बिलकुल आप ही के जैसे हालात से जूझ रहे होंगे. ऐसा सोचने से बेशक आपकी तकलीफ कम नहीं हो जायेगी मगर आपको ये ज़रूर पता चल जाएगा कि आप औरो से अलग नहीं है।
जरा सोचिये कि अगर हम सब अनोखे है तो हम सब तो एक जैसे ही हो गए ना तो अब इसमें अनोखापन कहाँ बचा ? हम जैसे है वैसे ही खुद को स्वीकार करे तो बेहतर होगा. हम सब आम है और ये कोई शर्म की बात नहीं है. इसका ये मतलब बिलकुल नहीं है कि हम कामयाब नहीं हो सकेंगे क्योकि हम एवरेज है. सच बात तो ये है कि लोग महान इसलिये बनते है क्योंकि उन्हें खुद में कुछ इम्प्रूव करने की ज़रुरत महसूस होती है. वे महान इसीलिए बन पाए क्योंकि उन्हें लगा कि वे अभी महान नहीं है. उनकी यही सोच उन्हें महान बना सकी. ज़रा इसके बारे में सोच कर देखिये.
अध्याय 4: आप हमेशा खुद चुनते है
अपने कामो की जिम्मेदारी हमें खुद ही लेनी है ना कि दुसरो के भरोसे रहकर बैठना है. अब मान लीजिये कि आपका लाइफ पार्टनर जिसे आप बहुत प्यार करते है, आपसे एक हफ्ते में 30 किलो वजन कम करने को बोलता है वर्ना वो आपको छोड़ कर चला जाएगा. अब ऐसी शर्त सुनकर आपका दिमाग तो ठनक ही जाएगा. क्यों है ना ?
अब सोचिये कि आप जिम जाना शुरू कर देते है, हेल्दी खाना शुरू कर देते है और 30 किलो वजन कम भी कर लेते है. कैसा लगेगा आपको ? बहुत अच्छा ना? मगर अब आपकी फीलिंग आपके पार्टनर के लिए क्यों बदल गयी ? क्योंकि आपको ऐसा करने के लिए बोला गया था, ये आपने खुद नहीं चुना था. मगर जब आप चीज़े खुद अपनी मर्ज़ी से चुनते है तो पूरी जान लगा देते है फिर चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों ना आये. और उन मुश्किलों से गुज़र कर आप बहुत अच्छा महसूस करते है. इसलिए अपनी परेशानियां भी खुद ही चुनिए, क्योंकि जिंदगी में कोई भी समस्या कब और कैसे आ जाए कोई नहीं जानता.
अध्याय 5: …और एक दिन आप मर जायंगे:
लेखक के एक दोस्त थे जिनका नाम था जोश. एक रात जब दोनों एक पार्टी में गए हुए थे तो जोश ने अचानक एक ऊँची जगह से छलांग लगाने की सोची. वो जगह इतनी उंचाई पर थी कि कोई भी वहां से कूदने की नहीं सोच सकता था लेकिन हाँ शराब के नशे में कोई उस जगह से कूदने का ख्याल दिल में ला सकता था. तो शराब के नशे में जोश भी यूँ ही मज़ाक में वहां से नीचे कूद गया. जहाँ से वो कूदा था उसके नीचे एक बड़ी सी झील थी. वो सीधा उस झील में गिरा और पानी में डूबकर मर गया. इस घटना का असर लेखक के दिमाग पर इतना गहरा पड़ा कि पूरे 12 सालो तक वो इसके गम में डूबा रहा और गहरे डिप्रेशन में चला गया. एक दिन उसने सपने में देखा कि जोश उसे कह रहा था” तुम्हे मेरे मरने की इतनी चिंता क्यों है जबकि खुद तुम हर दिन मर-मर कर जी रहे हो ?”
लेखक को तब एहसास हुआ कि जो जोश के साथ हुआ उसे लेखक बदल नहीं सकता था. वो उसके हाथ में नहीं था फिर भी वो खुद को उसके लिए जिम्मेदार समझ कर खुद अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहा था, क्योंकि मौत पर किसी का बस नहीं है, वो तो एक दिन सबको आनी ही है. मगर उसके डर से हम अपने आज को जीना नही छोड़ सकते. अपने दोस्त की मौत ने लेखक को असल में एक ज्यादा जिम्मेदार और बेहतर इंसान बना दिया. जिंदगी की सबसे बड़ी हकीकत ‘मौत’ ने उसे जीना सिखा दिया. बेशक उसकी जिंदगी में अभी भी कई इनसिक्योरिटीज़ थी मगर फर्क ये था कि वो अब उनकी परवाह नहीं करता था. उसे पता चल चूका था कि जिंदगी दो पल की मेहमान है इसलिए क्यों ना हर पल खुश रहकर जिया जाए. हम सब मौत से डरते है मगर भूल जाते है कि मौत को टाला नहीं जा सकता. अगर मौत ना हो तो जिंदगी की अहमियत क्या है ? मौत का डर दिल से निकाल कर हर पल को भरपूर जीना ही तो जिंदादिली है.
दोस्तों रिव्यु सेक्शन में ज़रूर लिख के बताइयेगा की आपको ये समरी कैसी लगी।
इस किताब के बारे में पढ़ कर आप कुछ नियमों को तो जान गए होंगे, इन नियमों को गहराई तक जानने के लिए आप निचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस किताब का हिंदी अनुवाद पा सकते हैं |
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If you feel tense and tired, then this book is for you
The Subtle Art of Not Giving a F * ck hindi and english book summary - Mark Manson -:
If you feel tense and tired, then this book is for you. Not giving a f * ck does not mean no difference. This is about a person you really care about, whatever happens, you are ready to fight for it. Don't care about everything Use your time and energy only for those who are really important to you.
Who should read this book
Parents, employees, young professionals, people who are stressed and nervous, people who openly
Need to laugh
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Chapter 1: Do not try
Charles Bukowski was an alcoholic. A big gambler and a person lost to life, whose advice is rarely wanted by anyone. That is why we are starting with the story of such a person. Bukowski wanted to become a writer from the beginning, but his work was ridiculed by all the newspapers and magazines as being of inferior status. Unhappy with this, Bukowski went into deep depression and started taking alcohol. Gradually he became a big drunk. Bukowski got a chance one day after wasting nearly 30 years of his life in alcoholism and gambling.
A small publishing house took interest in his work. Bukowski very rarely had a chance, which he did not want to lose. He quickly signed the contract. And then she wrote her first book. After this, he did not look back. He wrote 6 books one after the other. Along with this, he also wrote many poems and sold more than 2 million copies of his books. This was a great success for him. It is said in the American Dream to always keep trying, never give up, but on the stone of Bukowski's grave it was written "Do not try
The main thing about Bukowski's work was not that he kept trying despite losing but that he accepted himself in the worst of circumstances. He did not mind much when he got success, nor did he become a good and improved person before, nor did he have any good hand in becoming successful.
And whatever is bothering you, tell them "Fuck you" (referring give a fuck about it).
It is the worst thing to think that all is well with you. And if philosopher Alan Watts believes, then accepting the negative experiences that have happened to him is actually a very positive experience. This sounds strange to hear but this is true. The more you run after happiness, the more unhappy you will be. In other words, do not even try this. Have you ever noticed that when you are careless about something, you get the same thing easily when you run after it.
Chapter 2: Don't Run After Happiness
Life itself is a problem. The rich man suffers because of his money and the poor man is upset because he is short of money. The real thing is that happiness has no scale.
Achieving something does not mean that now you will be happy forever. This is why we suffer because it inspires us, it causes some changes in us. And change in life is very important. The trouble of our life gives us the strength to fight, pain only teaches us to pay attention to things when we are careless. That is why happiness and happiness are not always the best option, sometimes pain is also necessary. Even Psychological Pen is very useful thing that teaches us to take better decisions in future. Happiness can never be fought without problems. In other words, happiness is another name for problems. Because when you solve your problem, then happiness starts appearing on your face automatically. In this way, the key to your happiness is not to avoid your problems. The key word here is actually to solve problems.
Chapter 3: You are not different from others
There will be many more people in the world who are struggling with the same situation as you. Thinking like this will certainly not reduce your suffering, but you will definitely know that you are not different from others.
Just think that if we are all unique then we all have become the same, so now where is the strangeness left in it? It will be better if we accept ourselves as we are. We are all common and this is not a shame. This does not mean that we will not be able to succeed because we are average. The truth is that people become great because they feel the need to improve themselves. He was able to become great because he felt that he was not yet great. His thinking made him great. Just think about it.
Chapter 4: You always choose yourself
We have to take responsibility for our work ourselves and not sit on the trust of others. Now suppose that your life partner whom you love so much, asks you to lose 30 kg weight in a week or else he will leave you. Now listening to such condition, your mind will be shocked. Why not?
Now think that you start going to the gym, start eating healthy and also lose 30 kg. How would you like it? Isn't it great? But now why has your feeling changed for your partner? Because you were asked to do this, you did not choose it yourself. But when you choose things on your own, then you put your whole life to it, no matter how difficult it may be. And you feel great after going through those difficulties. Therefore, choose your own troubles as well, because no one knows when and how any problem will come in life.
Chapter 5:… and one day you will die:
The writer had a friend named Josh. One night when the two were going to a party, Josh suddenly thought of jumping from a high place. That place was so high that no one could think of jumping from there, but yes, one could get the idea of jumping from that place due to alcohol. So even drunk with alcohol, jokingly jumped down from there. From where he jumped, there was a big lake under it. He fell directly into that lake and died after drowning in water. The impact of this incident was so profound on the writer's mind that for the whole 12 years he was immersed in its sorrow and went into deep depression. One day he saw in his dream that Josh was telling him "Why do you worry so much about me dying while you yourself are living every day?"
The writer then realized that the writer could not change what happened with passion. He was not in his hands, yet he was ruining his life by considering himself responsible for it, because no one is settled on death, he has to come one day. But for fear of that, we cannot stop living our today. The death of his friend made the writer a more responsible and better person. The biggest reality of life, 'death', taught him to live. Of course he still had many insecurities in his life, but the difference was that he no longer cared about them. He had come to know that life is a two-moment guest, so why not live happily every moment. We are all afraid of death but forget that death cannot be avoided. What is the importance of life if death is not there? With fear of death, to live every moment to the fullest is life itself.
Friends, please write in the review section and tell how you liked this summer.
By reading about this book, you must have known some rules, to know these rules in depth, you can find the Hindi translation of this book by clicking on the link given below.
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